सही शब्‍दों के चयन से ही करियर में मिलती है बड़ी सफलता

एक राजा और एक सेठ में बड़ी गहरी दोस्ती थी। इसलिए वे रोज एक-दूसरे से मिले बिना नहीं रह पाते थे। सेठ उसी शहर में चंदन की लकड़ी का व्यापार करता था। एक दिन उसके मुनीम ने कहा, ‘लकड़ी की बिक्री कम हो गई है, कुछ बिक्री बढ़ाने का उपाय करो।’ सेठ ने पहले सोचा, फिर उसके मन में विचार कौंधा कि यदि राजा की मृत्यु हो जाए, तो मंत्री लकड़ियां उसी से खरीदेंगे, फिर उसे अधिक मुनाफा होगा।

शाम को सेठ हमेशा की तरह राजा से मिलने गया। उसे देखकर राजा ने सोचा कि इस सेठ ने मुझसे दोस्ती करके न जाने कितनी दौलत जमा कर ली है। इसलिए ऐसा कोई नियम बनाना होगा, जिससे इसका सारा धन राजकोष में आ जाए। सेठ ने देखा कि आज राजा में पहले वाली गर्मजोशी नहीं है, उसने राजा से पूछा, ‘आज हमारे रिश्ते में ठंडापन है, ऐसा क्यों?’
राजा ने कहा, ‘मुझे भी ऐसा लग रहा है। आओ शहर के बाहर चलते हैं, वहां एक पहुंचे हुए महात्मा रहते हैं, उनसे हम दोनों इसका कारण पूछते हैं।’ फिर दोनों महात्मा के पास गए और सबकुछ बताया। महात्मा ने कहा, ‘सीधी-सी बात है। आप दोनों पहले शुद्ध भाव से मिलते थे, लेकिन अब दोनों के मन में बुरे विचार आ रहे हैं, इसलिए दोस्ती में पहले जैसी बात नहीं रही।’
फिर सेठ और राजा ने अपने-अपने मन की बाते बताई, तो महात्मा ने सेठ से कहा, ‘तुमने ऐसा क्यों नहीं सोचा कि राजा के मन में चंदन की लकड़ी का आलीशान महल बनवाने की बात आ जाए। इससे तुम्हारा चंदन भी बिक जाता, क्योंकि शब्दों की पवित्रता से ही संबंधों में मिठास आती है। तुमने राजा के लिए गलत सोचा, इसलिए राजा के मन में भी तुम्हारे लिए गलत विचार आया। फिर गलत सोच ने दोनों के बीच की दूरी बढ़ा दी।’

कहानी की शिक्षा:  इस कहानी की यही शिक्षा है कि बोल-चाल में शब्दों का सही चयन करें।

गुरुमंत्र: * आपको महत्वपूर्ण शब्दों को चयन करना होगा और महत्वहीन शब्दों को छोड़ना होगा, क्योंकि शब्द ही आपके व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।
* यदि आप अपने आप में सुधार लाना चाहते हैं, तब आपको सबसे पहले यह पता करना होगा कि बोलचाल में आपकी स्थिति कैसी है?
* दुनिया मे एक जुबान ऐसी भी है, जिसे विश्व का हर आदमी समझता है। और, वह जुबान है उत्साह और उमंग की, मेहनत और कर्म की।
* बोलने की आदत डालिए, क्योंकि बोलने से आत्मविश्वास पैदा होता है, लेकिन बोलने से पहले अपने शब्दों को रचनात्मक विचारों की तराजू में अवश्‍य तोलिए।
* जब आप एक झूठ बोलते हैं, तब आपको यह नहीं पता होता कि आप कितनी बड़ी मुसीबत में फंसने वाले हैं, क्योंकि एक झूठ को सच में बदलने के लिए बीस झूठ और बोलते हैं।
* यदि आप एक शब्द बोलने से पहले दो बार सोच लेंगे, तब आप हमेशा अच्छा बोलेंगे।
* जिन्हें बातचीत करना नहीं आता, वही लोग सबसे अधिक बोलते हैं। लेकिन, जिन्हें बातचीत करनी आती है, वे कम बोलते हैं।
* कृपया और धन्यवाद ऐसे साधारण शिष्टाचार के शब्द हैं, जो आपको और सामने वाले को प्रसन्नता प्रदान करते हैं।
* लोगों के पास बात करने की कला तो होती है, लेकिन वे यह नहीं जानते हैं कि उस बात को समाप्त कैसे किया जाए।
 (डायमंड बुक्स प्रा.लि., नई दिल्ली से प्रकाशित पुस्तक ‘सीकेट्र्स ऑफ सक्सेस’ से साभार)


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